नहर में पानी नहीं देने के वजह से ग्रामीणों मे दीक्षा आक्रोश
विक्रम से शशांक शेखर मिश्र की रिपोर्ट
विक्रम। लोक आस्था व सूर्योपासना के महापर्व चैती छठ व्रतियों ने सोमवार को उगते भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ व्रतियों ने भगवान भास्कार से सुख शांति की कामना करते हुए महापर्व की समाप्ति की गई।
इस पूजा में बिक्रम नगर पंचायत के असपुरा सूर्यमन्दिर नहर घाट पर श्रद्धालुओं को काफी भीड़ लग रहा। बिक्रम मन्दिर प्रबंधन,पुलिस प्रशासन,नगर पंचायतकर्मी,स्वास्थ्यकर्मी द्वारा छठवृतियों एवं अन्य श्रद्धालुओं के सहयोग एवं शांति व्यवस्था बनाने मे अहम भूमिका निभाई।
वहीं लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर सिंचाई विभाग द्वारा नहर में पानी नहीं दिये जाने के कारण निजी बोरिंग से ही नहर घाट पर पानी की व्यवस्था की गई। नहर में पानी नहीं दिये जाने को लेकर सरकार,प्रतिनिधि एवं सिंचाई विभाग पर आक्रोश जताते हुये ग्रामीणों की विभिन्न तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
हरपुरा निवासी त्रिभुवन सिंह ने कहा कि भाजपा के नेता अयोध्या के राम मंदिर और हिंदुत्व को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं । लेकिन मुख्य रूप से बिहार का मुख्य त्योहार लोक आस्था का महापर्व छठ के अवसर पर नहर में पानी नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कैसा हिंदुत्व का नारा है जब हिंदुओं के त्यौहार में अर्ध्य देने के लिए पानी नहीं मिलता। पानी के लिए लोगों को तरसना पड़ता है।
जबकि इस क्षेत्र के सांसद एवं विधायक भाजपा के है और सरकार भी भाजपा का ही है।इसके बावजूद नहर में पानी देना उचित नहीं समझा गया। भाजपा का हिंदुत्व का नारा आम लोगों के लिए महज छलावा है। उनको हिंदू और हिंदू के त्योहार से कोई लेना-देना नहीं है सिर्फ उनकी भावना से खेलना है।