नन्हे मुन्ने बच्चो ने किया रामलीला, दर्शको का मनमोह लिया
खगौल। मंगलवार को दीपावली के पूर्व धनतेरस को आर्यभट्ट निकेतन में नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा रामलीला का मंचन किया गया। रंग बिरंगे पोषाक में सुसज्जीत प्राइमेरी के बच्चों ने मेरे घर राम आए हैं… संगीतमय प्रस्तुति के साथ लीला का शुभारंभ किया तो विद्यार्थियों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साहवर्द्धन किया गया।
वही अभिभावक लोग खुशी से झूमते नजर आए। स्कूल प्रांगण में आयोजित नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा राम रावण का द्वंद युद्ध का मंचन देख मौजूद दर्शकों ने जमकर सराहना की। लीला मंचन के तहत पहले श्री राम का जन्म, उनकी शिक्षा, सीता स्वंयवर, जानकी समेत चारों भाई का अयोध्या नगरी समेत राजा दशरथ के दरबार में भव्य स्वागत किया गया।
दरबार में राजा दशरथ द्वारा श्री राम का अपना उत्तराधिकारी बनाकर राजकाज सौपने की घोषणा की गई। कैकई द्वारा राम को वनवास और भरत के लिए राज्याभिषेक मांगने पर राजा दशरथ का सदमा लगने, वचन के मुताबिक राम को वनवास दिए जाने के आदेश पर परिवार समेत अयोध्या नगरी में शोक छाने एवं सीता हरण, हनुमान मिलन, रावण वध आदि लीला का मंचन किया गया।
लीला का संचालन शिक्षिका शिल्पी रानी, सुमन एवं शिल्पी राय ने किया। आर्यभट्ट निकेतन के निर्देशक सत्यकाम सहाय ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य रामायण के सार को छोटे बच्चों के लिए जीवंत करना है, संगीतमय प्रदर्शन के साथ एक संवेदी-समृद्ध, बच्चों के अनुकूल रामलीला अनुभव तैयार करना है।
माता-पिता और बच्चे समान रूप से इस विसर्जित यात्रा को अपना रहे हैं, जहाँ परंपराओं को सरल बनाया जाता है और इस तरह से जीवंत किया जाता है कि सबसे छोटे बच्चे भी इसे समझ सकें और इसका आनंद ले सकें।
इस मौके पर राम की भूमिका में विवान, सीता- आहना, हनुमान- यश राज, लक्ष्मण- मयंक, भरत- प्रियांश, शत्रुधन- सार्थक ने शानदार अभिनय से दर्शकों की खूब वाहवाही लुटी।