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दूध उत्पादों पर आईपीआर संरक्षण को लेकर कार्यशाला आयोजित

फुलवारी शरीफ, अजीत। संजय गांधी गव्य प्रौद्योगिकी संस्थान, पटना में गुरुवार को “दूध उत्पादों एवं तकनीक के बौद्धिक सम्पदा अधिकार संरक्षण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डीन डॉ. उमेश सिंह ने की।

मुख्य वक्ता आईआईटी पटना के प्रो. नलिन भारती ने बताया कि बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) नवाचार और परंपरागत ज्ञान को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है. उन्होंने बताया कि दूध उत्पादों जैसे मावा, पनीर और क्षेत्रीय मिठाइयों को यदि जी.आई. टैग मिले तो वे वैश्विक पहचान हासिल कर सकते हैं. ट्रेडमार्क, पेटेंट और कॉपीराइट जैसे अधिकार नवाचार को सुरक्षा देने के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का माध्यम भी बनते है।

डॉ. उमेश सिंह ने कहा कि अनुसंधान और तकनीकी नवाचार यदि पेटेंट नहीं कराए जाएं तो उनके दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि संस्थान में जल्द ही आईपीआर सेल की स्थापना की जाएगी, जिससे छात्रों और शिक्षकों को पेटेंट और डिज़ाइन रजिस्ट्रेशन में मदद मिल सकेगी। कार्यशाला का समन्वय डॉ. योगिता शर्मा, डॉ. अनुपमा रानी, डॉ. सर्वजीत कौर, डॉ. दिवाकर मिश्रा और डॉ. रोहित कुमार ने किया।

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