दिवंगत बीरेंद्र कुमार की स्मृति में शोक सभा आयोजित
बिहार रंगमंच के मजबूत स्तंभ थे दिवंगत बीरेंद्र कुमार ~ नवाब आलम
सबको हंसाते हंसाते रुला कर चल दिए बीरेंद्र भाई ………अरुण पिंटू
खगौल। बिहार के चर्चित रंगकर्मी बीरेंद्र कुमार की आकस्मिक निधन के पश्चात मंगलवार को शहर के रंगकर्मियों ,साहित्यकारों एवं समाज सेवियों ने सामूहिक रूप से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन स्थानीय एन .सी. घोष इंस्टीट्यूट में किया गया। जिसमें काफी संख्या में खगौल के रंगकर्मियों ने उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किया।

वक्ताओं ने स्व बीरेंद्र कुमार के 50 साल के रंगमंचीय जीवन और व्यक्तित्व और कृत्रित्व पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि बीरेंद्र जी नाटक ही नहीं बल्कि रेडियो एवं दूरदर्शन के भी मंझे हुए कलाकार थे।शोक सभा को वरिष्ठ रंगकर्मी मिथिलेश पांडे, अंबिका सिंहा,सुधीर मधुकर, , सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम, संजीव जवाहर, ऋषिकेश नाथ, जय प्रकाश मिश्र, तनवीरूल हक उदय कुमार , राजेश कुमार महेश चौधरी, मो सादिक , रेखा सिंहा,अनिल मंडल, समाजसेवी चंदू प्रिंस सभा का संचालन कार्यक्रम के संयोजक अरुण सिंह पिंटू ने किया।

मौके पर मंडल सांस्कृतिक संघ,दानापुर के संतोष शर्मा,राजेश कुमार, मनोज सोनी, गोपाल वर्मा, रंजन सिंह, विजय सिंहा, संतोष पांडे, राकेश कुमार, अभय सौरभ, बिनोद कुमार आदि मौजूद थे। अंत दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मौके पर दिवंगत बीरेंद्र कुमार की पुत्री और रंगकर्मी पायल प्रिया भी मौजूद थे उसने भी पापा के साथ किए गए रंगमंचीय जीवन को साझा करते हुए काफी भावुक हो गई।