जमुनापुर से गौरीचक आने वाली सड़क निर्माण में घोटाला
गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण सामग्री और संसाधन नहीं प्रयोग किए जाने का ग्रामीण लग रहे आरोप
अजीत यादव कि रिपोर्ट
फुलवारी शरीफ। नाबार्ड योजना के तहत जमुनापुर से गौरीचक तक वर्षों बाद शुरू हुआ सड़क निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सड़क निर्माण में घटिया गुणवत्ता की सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है और निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि जिस स्थान पर मिट्टी भराई की गई है, वहाँ तय मानकों के अनुसार मेटल की पर्याप्त परत नहीं डाली गई। इस अधूरी प्रक्रिया के बावजूद उस पर सीधे कालीकरण (बिटुमिनस लेयर) किया जा रहा है। सड़क पर हल्के-फुल्के तरीके से रोलर चलाकर दिखावे की सघनता दी जा रही है, जिससे सड़क जल्द ही उखड़ने की आशंका जताई जा रही है।

स्थानीय महिलाओं ने भी सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि कई वर्षों बाद जब गांव में सड़क निर्माण की शुरुआत हुई, तो उम्मीद थी कि एक मजबूत व टिकाऊ सड़क बनेगी, जिससे आवाजाही में सहूलियत होगी. लेकिन निर्माण कार्य की स्थिति देखकर लगता है कि यह सड़क एक हल्की बारिश भी नहीं झेल पाएगी।

ग्रामीणों का कहना है कि नाबार्ड जैसी प्रतिष्ठित योजना के अंतर्गत निर्माण होने के बावजूद जिम्मेदार एजेंसियां मनमानी कर रही हैं. निर्माण स्थल पर कोई तकनीकी पर्यवेक्षण भी नहीं दिख रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस सड़क निर्माण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है ताकि लूट और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके और लोगों को एक टिकाऊ और गुणवत्तापूर्ण सड़क मिल सके.