कड़ी सुरक्षा के बीच अदा हुई बकरीद की नमाज़, गले मिलकर दी गई मुबारकबाद
खानकाह ए मुजिबिया समेत मस्जिदों व ईदगाहों में दिखा अकीदत का जज्बा
फुलवारी शरीफ से अजीत यादव कि रिपोर्ट
फुलवारी शरीफ। राजधानी पटना सहित फुलवारी शरीफ, खगौल और आसपास के इलाकों में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार अकीदत और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. सुबह अलग-अलग निर्धारित समय पर मस्जिदों, ईदगाहों और खानकाहों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नमाज़ अदा की गई. नमाज़ के बाद लोगों ने एक-दूसरे से गले मिलकर बकरीद की मुबारकबाद दी।

इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवान, पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी लगातार इलाके का जायजा लेते रहे. मस्जिदों और ईदगाहों के आस-पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.खानकाह ए मुजिबिया में नमाज़ के बाद पूर्व मंत्री व विधायक श्याम रजक ने लोगों से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी और समाज में प्रेम, भाईचारा व सद्भाव कायम रहने की दुआ की. उनके साथ नगर परिषद चेयरमैन आफ़्ताब आलम समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

फुलवारी शरीफ के खानकाह मुजीबिया और मस्जिदों में सुबह से ही नमाजियों का तांता लगा रहा। मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में नमाज अदा करने के लिए ईदगाह और मस्जिदों में पहुंचे और अल्लाह से अमन और भाईचारे की दुआ मांगी। पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहां की बकरीद पर्व आपसी भाईचारा का संदेश देता है। फुलवारी शरीफ में लोग इस पर्व को मिल जुलकर मनाते हैं।

बकरीद का पैग़ाम: कुर्बानी से अल्लाह की रज़ामंदी और गरीबों की मदद का संदेश
वही बकरीद की नमाज़ के बाद खुतबे में पेश इमामों ने अपने संदेश में कहा कि कुर्बानी का मकसद अपने अंदर अल्लाह की मोहब्बत को माल, दौलत और औलाद से ऊपर रखना है।

इंसान का हर कर्म अल्लाह के हुक्म के मुताबिक होना चाहिए.इमामों ने कहा कि अल्लाह को न तो कुर्बानी का गोश्त पहुंचता है और न ही खून, बल्कि बंदे का दिल का तक़वा और उसका डर अल्लाह तक पहुंचता है. इस मौके पर गरीबों और जरूरतमंदों का खास ख्याल रखने, और कुर्बानी का गोश्त पड़ोसियों, रिश्तेदारों और ऐसे घरों तक पहुंचाने की अपील की गई जहां कुर्बानी नहीं हो सकी है.