आवंटित जमीन का पर्चा वितरित नहीं करने को लेकर महादलित लोगो ने किया हंगामा व प्रदर्शन
सुदीप सोनी कि रिपोर्ट
दानापुर। अनुमंडल क्षेत्र के सबरी नगर में करीब 50 वर्षो से रह रहे महादलित परिवारों को अतिक्रमण के नाम हटाने एवं वर्षो से सरकार द्वारा आवंटित जमीन का पर्चा वितरित नहीं करने को लेकर जमकर हंगामा हुआ।

सबरी नगर सुरक्षा समिति के बैरन तले महादलित महिला व पुरूषों ने जमीन का बना हुआ पर्चा के लिए रिश्वत की मांग को लेकर भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे समिति के सदस्य उमेश मांझी, मनोज मांझी द्वारा बताया गया कि वर्ष 1970 के आसपास विभिन्न जगहों से विस्थापित करीब 55 महादलित परिवारों ने सबरीनगर स्थित गैर मजरूआ जमीन पर अपना आशियाना बनाकर रह रहे है।

वर्षों तक यहां रह रहे महादलित परिवार के लोगो को सरकार द्वारा मिलने वाली मूलभूत सुविधाओ जैसे पानी, बिजली, सड़क, नली-गली, राशन आदि से वंचित थे। महादलितों का सरकार से अपने हक के लिए लम्बे संघर्ष के बाद सरकार ने उनके अधिकारो को समझते हुए लोगों को पानी, नली, बिजली, सड़क, 2001 तक पूरा कर कुछ सुविधा दी गई।

1990 से 2004 अवधि तक पंचायत से लेकर प्रखंड जिला और प्रमंडल स्तर तक संघर्ष के बाद 53 महादलित परिवार के निवासियो का बासगीत पर्चा सरकार द्वारा बनाया गया था। स्थानीय निवासियों के प्रयास से तत्कालीन मुखिया ने 53 महादलित परिवारो को बासगीत पर्चा पंचायत से पास करवा के 2001 में ही अंचलाधिकारी दानापुर को सौंपा गया था। मगर उस समय अंचला कार्यालय के संबंधित पदाधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग की गई।

वे सक्षम नहीं थे वे रिश्वत नहीं दिये। इसलिए उनका पर्चा दबा दिया गया। वही वर्तमान में यह जगह सुंदर स्वच्छ और शहर के पहुंच से नजदीक हो गया है। वही आसपास में घनी आबादी भी बसने लगी। महादलित परिवार की बस्ती के आसपास में बसे लोगों को यह अच्छा नहीं लग रहा है।