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अब बैठे ऐसे होगी ऑनलाइन रजिस्ट्री

रजिस्टार से जाने स्टेप बाई स्टेप रजिस्ट्री की पूरी प्रोसेस, सब कुछ होगा पारदर्शी, 1 घंटे में हो जायेगी रजिस्ट्री

Patna से मुकेश की रिपोर्ट

Patna बिहार में ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू हो गई है। कातिब और बिचौलिए से लोगों की परेशानी दूर होगी। रजिस्ट्रेशन से लेकर पेमेंट करने तक सबकुछ पारदर्शी होगा। प्रोसेस भी आसान है। इसके लिए सरकार के द्वारा वेबसाइट को सार्वजनिक कर दिया गया है। पहले पूरे बिहार में इंटरानेट के माध्यम से सिर्फ रजिस्ट्री होती थी। अब इंटरानेट को इंटरनेट में बदल दिया गया है। संपतचक निबंधन कार्यालय के राजिस्टार आशीष अग्रवाल ने इसके बारे में पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह काफी आसान प्रोसेस है।

enibandhan.bihar.gov.in की वेबसाइट पर जाकर अपना प्रोफाइल बनाना होगा। इसके बाद पूरी डिटेल्स भरनी होगी। प्रोसेस पूरा करने के बाद चलाना सक्सेस हो जायेगा। उसके बाद रजिस्ट्री के लिए निबंधन कार्यालय आने का अपॉइंटमेंट तारीख और समय के साथ मिल जायेगा। उसे निर्धारित डेट पर आने के बाद अपना चालाना, अपॉइंटमेंट स्लिप, दिखाना होगा। निबंधन कार्यालय में कागज चेक कर दिया जायेगा। उसकी एंट्री हो जायेगी। आधार ऑथेंटिकेशन वगैरह सबकुछ पूरी करने के बाद 1 घंटे के अंदर रजिस्ट्री का कागज हाथों हाथ मिल जायेगा।

शो करेगा चालाना का अमाउंट:

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रजिस्टार ने बताया कि चालाना में जो भी रुपए लगेगा वो ऑनलाइन शो कर देगा। बिचौलिए इसके लिए ज्यादा पैसे नहीं ले पाएंगे। अपॉइंटमेंट लेने के समय ही लोगों को उनकी लोक सूची दिख जाएगी। अगर खाता, खेसरा, जमीन लोक सूची में दर्ज होगी तो अपॉइंटमेंट नहीं मिलेगा। जमीन किस वजह से रोक में है। किसने आपत्ति दर्ज कराई है या किसने रोक लगाई है उस जमीन पर, शो कर देगा। इससे जमीन की रजिस्ट्री भी बढ़ेगी। दबाव भी कम होगा। लोगों को सुविधा भी होगी। बेवजह दफ्तर नहीं आना होगा।

लेना होगा नया अपॉइंटमेंट:

अपॉइंटमेंट लेकर नहीं आने वाले लोगों को फिर से यही पूरी प्रक्रिया अपनानी होगी। सबसे पहले नेक्स्ट डे आकर अपना चालान फ्री करवाना होगा। फिर से प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें नया अपॉइंटमेंट लेना होगा। तब रजिस्ट्री होगी।

ऑनलाइन रजिस्ट्री के क्या प्रोसेस हैं:

स्टेप 1

सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट को एक्सेस करेंगे।

वेबसाइट का नाम: enibandhan.bihar.gov.in

स्टेप 2

दूसरे स्टेप में एक्सेस करने के बाद लॉगिन पर क्लिक करेंगे। इसमें दो ऑप्शन आएगा। सिटीजन लॉगिन और डिपार्टमेंट लॉगिन। इसमें सिटिजन लॉगिन पर क्लिक करेंगे।

स्टेप 3

पूरी डिटेल्स सबमिट करने के बाद अपना अकाउंट बना लेंगे। लॉगिन कर लेंगे। उसके बाद एक पेज खुलेगा। जिसमें आपका प्रोफाइल दिखेगा। सिटीजन, नाम और आपकी तस्वीर होगी।

Step 4

पेज के साइड में मैरेज, firm रजिस्ट्रेशन, डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन, जैसे ऑप्शन खुल जायेंगे। आपको जिसमें जाना है, उसमें एंट्री ले सकते हैं। ज्यादा पॉपुलर डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन होता है। उसपर क्लिक करने के बाद एंट्री फॉर रजिस्ट्रेशन में जायेंगे।

Step 5

डॉक्यूमेंट प्रोसेस के ऑप्शन आयेंगे। 9 तरीके के डॉक्यूमेंट्स मांगे जाएंगे। जिससे संबंधित डॉक्यूमेंट को सबमिट करना होगा। यानी अपलोड करते जाना होगा।

स्टेप 6

सब सबमिट करने के बाद नीचे में क्लिक हियर टू कंटी न्यू पर क्लिक करेंगे।

स्टेप 7

एंट्री फॉर रजिस्ट्रेशन के बाद आपको 8 स्टेप का प्रोसेस पूरा करना होगा।

डॉक्यूमेंट, बेचने वाले की पूरी डिटेल्स डालनी होगी executant, खरीदने वाले व्यक्ति की पूरी डिटेल्स होगी claimant, गवाह और पहचान की डिटेल्स होगी identifire, प्रॉपर्टी की पूरी डिटेल्स होगी property, कागज का वैल्यू payment of consideration, चेक दो पेज का मिलेगा जिसमें 6 कॉलम की पूरी डिटेल्स होगी check slip, payment करने का ऑप्शन आ जायेगा। जिसमें पेमेंट कर देना है।

आखिरी स्टेप: 8

इसके बाद ऑनलाइन की समय और तारीख निर्धारित हो जायेगी। रजिस्ट्री के लिए अपॉइंटमेंट मिल जायेगा।

फिजिकल आना होगा निबंधन कार्यालय:

बता दें कि ये पूरी प्रक्रिया अपनाने के बाद फिजिकल तौर पर निर्धारित समय के अनुसार दोनों पक्षों को खरीदने, बेचने वालों और गवाह, पहचान को पहुंचना होगा। जहां रहिस्टार के द्वारा वैरीफाइड किया जाएगा। सबका फोटो होगा और इसके बाद रजिस्ट्री पूरी हो जायेगी।

पहले क्या थी प्रक्रिया:

पहले सबकुछ राजिस्टार के हाथ में कंट्रोल था। निबंधन कार्यालय की अपनी वेबसाइट होती थी। सर्वर से लेकर आईपी नंबर तक सब अपना होता था। इंटरानेट नेट के जरिए सब होता था।

दस्तावेज के पन्नों पर अपडेट होगा फोटो:

क्रेता, विक्रेता, गवाह और पहचान के द्वारा जो पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड सबमिट किया जायेगा। उस आधार में जो फोटो होगा, वो ऑटो मोड में उस दस्तावेज में उस कॉलम में इंक्लूड हो जायेगा। दस्तावेज के हर पन्ने पर रजिस्ट्री ऑफिस के द्वारा जारी बार कोड, डिड नंबर होगा। जिसे कोई नहीं बदल सकता है।

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